पूजा अनिल के दिए टास्क में सबने अपनी माँ को पत्र लिखा और खूब याद किया , सबके पत्र पढ़ते पढ़ते खूब बार आँखें भर आई। माँ जैसा कोई नहीं , आप भी पढ़िए - माँ तो है माँ ...... मेरी भोली माँ बहुत सारे वाले प्यार के साथ आपको ढेर सारी जफ्फियां ## मेरी शादी के डेढ़ साल बाद ही मुझे घर से रुख्सत कर तुम जहां से रुख्सत हो ली ,, होली के ठीक एक सप्ताह बाद ,.... ये कैसी विदाई थी माँ ? औऱ मेरे लिए तो इस डेड साल के भी 9 महीने ही मिले क्योंकि जानू की प्रेग्नेंसी के चलते , ससुराल की उस परम्परा का निर्वाह भी तो किया कि इस दौरान मायके नही जाते ,,, और जानू के आने के ठीक 15 दिन पहले ही उससे मिले बिना आपने रुखसती ले ली जब मुझे आपकी सबसे ज्यादा जरूरत थी ,,, जब मुझे आपसे मिलने मायके आना था ,, जब मुझे बहुत कुछ बताना था ,, जब मुझे आपसे बहुत कुछ सुनना समझना था , वो आज भी कहना बाकी है माँ.... , बोलों में रखा है मैने सब सम्भाल कर....मिलूँगी आपसे जब...तब बताऊंगी सब एक एक कर बस आप मुझे खाली अपने सीने से ल...
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