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काव्यों पर काव्यमयी टिप्पणियाँ

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  व्हाट्सएप्प समूह 'गाएँ गुनगुनाएँ शौक से' पर हर हफ़्ते बारी बारी किसी एक सदस्य को हर दिन एक टास्क देना होता है जिसे बाकी के लोग अपनी सुविधानुसार करते हैं| किसी एक ही विषय पर सभी के फ़िल्मी, नॉन फ़िल्मी गीत या ग़ज़ल होते हैं| कभी कभी किसी सृजन के लिए भी कहा जाता है| इस समूह में कुछ तो पहले से ही कोकिलकंठी थीं, कुछ  बार बार के अभ्यास से उस जमात में शामिल हो चुकी हैं| टास्क पूरा करने में आदरणीया साधना वैद जी, शोभना जी, रश्मिप्रभा जी एवं गिरिजा कुलश्रेष्ठ जी की नियमितता देखते बनती है|  समूह सिर्फ गायकी में ही नहीं, लेखन एवं रेखांकन में भी आगे है| कभी समूह की कमउम्र सदस्या आराधना मिश्रा एवं वरिष्ठ सदस्या उषा किरण जी की मास्टर पेंटिंग और बाकियों की नौसिखिया पेंटिंग की  पोस्ट भी लगाऊँगी| जनवरी के दूसरे सप्ताह में बेहतरीन ग़ज़लकार सुनीति बैस जी की बारी थी|एक दिन के टास्क में सबको अपने स्वर में कविताएँ पढ़नी थीं| अपनी सुविधानुसार सबने पढ़ीं| यह टास्क उस वक़्त बहुत महत्वपूर्ण बन गया जब सबकी रचनाओं पर उषा किरण जी की काव्यमयी, सुन्दर और रोचक टिप्पणियाँ आनी शुरु हो गयीं|  हम ब्लॉगर्स को